इस साल का पहला चंद्रग्रहण 20 और 21 जनवरी की मध्यरात्रि को दिखाई देगा।यह चंद्रग्रहण सुपर ब्लड वुल्फ मून के नाम से जाना व बुलाया जा रहा है।चंद्रमा जब धरती की छाया से होकर जाता है तो सुपरमून या लाल तांबे के रंग जैसा नजर आता है।हर पूर्णिमा का एक खास नाम होता है।ग्रहण को ये अनोखा नाम नेटिव अमेरिकी जनजातियों ने दिया है। उनके अनुसार पूर्णिमा की रात को भोजन की तलाश में निकलने वाले भेड़िये तांबे के रंग के लाल चांद को देखकर जोर जोर से चिल्लाते हैं।इसी के चलते इस चंद्र ग्रहण को वुल्फ मून नाम दिया गया।यही बाद में सुपर ब्लड वुल्फ मून कहलाने लगा।ऐसा भी कहा जा रहा है कि ग्रहण एक से ज्यादा खगोलीय घटनाओं के सहयोग से बना है और 21 जनवरी की रात को इसके कारण कई अनोखे नजारे आसमान में दिखेंगे।20 जनवरी की शाम सुपर ब्लड वुल्फ मून 8 बजकर 6 मिनट पर शुरू होगा और 21 जनवरी को 1 बजकर 18 मिनट पर पूरा हो जाएगा।